Tuesday, February 18, 2025

बस यूँ ही

क्या ही सुनाये तुम्हे अपनी दास्तान 

कुछ खुशियों के आँसू तो कुछ गमो की है खामोशियाँ 

अब ज़िंदगी ने सब कुछ एक्सेप्ट कर लिया

अब ना किसी से शिकायते और ना ही नाराज़गिया 

बस यूं ही चलते चलते कट जाएगी ज़िंदगी 

कुछ लोग मिलेंगे कुछ छूटेंगे 

पर ये ही एक तमन्ना हैं

की आखरी सफ़र में लोग बस ये ही याद करे की खो दिया एक अच्छा दोस्त और इंसान 


- आकाश 


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